टोक्यो में दिव्यांग खिलाड़ियों ने बढ़ाया भारत का मान

हरियाणवी भाले से सोने पर निशाना लगाने में श्रेष्ठ श्रीप्रकाश शुक्ला दिव्यांगता की चुनौतियों को दरकिनार करते हुए भारतीय पैरा खिलाड़ियों ने टोक्यो में एक नया इतिहास रचकर यह साबित किया कि वे किसी से कम नहीं हैं। उनका हौसला मादरेवतन का मान हमेशा बढ़ाता रहेगा। टोक्यो में चल रहे पैरालम्पिक में भारतीय खिलाड़ियों की स्वर्णिम सफलता निस्संदेह प्रेरणादायक है। इस मायने में भी कि कुदरत व हालात का दंश झेलते हुए उनका मनोबल कितना ऊंचा था कि उन्होंने.......

मोदीजी हटाना है तो खेलों से भ्रष्टाचार हटाएं

खिलाड़ियों के नाम हों सभी खेल मैदान श्रीप्रकाश शुक्ला टोक्यो ओलम्पिक में भारत के अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बाद समूचा देश खेल महोत्सव मना रहा है। खिलाड़ियों की बलैयां ले रहा है लेकिन आबादी और भारतीय रुतबे को देखते हुए यह प्रदर्शन सभी भारतीयों के लिए चिन्तन-मनन का विषय होना चाहिए। टोक्यो जाने से पहले भारतीय ओलम्पिक संघ और हमारे खेलनहारों ने एक दर्जन से अध.......

दुनिया को दिखाएंगे हम हैं हिन्दुस्तानी

पैरालम्पिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को तैयार हरियाणा के जांबाज खेलपथ संवाद ग्वालियर। पैरालम्पिक खेलों का आगाज होने ही वाला है। हमारे 54 हिन्दुस्तानी पैरा खिलाड़ी भी दुनिया को अपने हौसले का जलवा दिखाने को तैयार हैं। उम्मीद है कि इस बार न केवल भारत अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा बल्कि कई गुमनाम खिलाड़ी सुर्खियां बटोरेंगे। तो आओ देखें कि भारत के किस-किस खिलाड़ी से खेलप्रेमियों को मेडल की उम्मीद है। सुमित अंतिल जेवलिन थ्र.......

सेना में बेटियों को अपने आकाश की तलाश

श्रीप्रकाश शुक्ला हाल के वर्षों में देश की शीर्ष अदालत के कई महत्वपूर्ण फैसले आये हैं, जिनमें सेना में महिलाओं के भविष्य की संभावनाओं को विस्तार दिया गया है। दरअसल, परंपरागत सोच और व्यवस्थागत विसंगतियों की वजह से इस पहल को विस्तार नहीं दिया जा सका। लेकिन धीरे-धीरे सेना में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ती जा रही है और वे अपने आकाश की तलाश को तैयार हैं। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने राष्ट्रीय.......

नरिन्दर ध्रुव बत्रा ने नटवरलाल आनंदेश्वर पांडेय को थमाया नोटिस

जगन मोहन राव ने कहा- आनंदेश्वर पांडेय खेल में उनके गॉडफादर हैं हैंडबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया पर लटकी अयोग्यता की तलवार फर्जी हस्ताक्षरों से खेल मंत्रालय को भी लगाया चूना श्रीप्रकाश शुक्ला नई दिल्ली। भारतीय ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष नर.......

खिलाड़ी बेटियों पर सिर्फ दो दिन का लाड़-दुलार

श्रीप्रकाश शुक्ला इस समय समूचे देश में खेलों का माहौल बनाने की कोशिशें की जा रही हैं। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा। हर चार साल में हमारे देश में खेलों के प्रति अनुराग जागता है, कुछ दिन के तमाशे के बाद खेलों की चर्चा बंद हो जाती है। भारतीय महिला हॉकी टीम का आस्ट्रेलिया को हराना और नीरज चोपड़ा का एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतना टोक्यो ओलम्पिक का सबसे बड़ा आश्चर्य कहा जा सकता है। तीन बार की चैम्पियन आस्ट्रेलिया पर जी.......

खुशी मिली इतनी कि मन में न समाय

खेलपथ संवाद ग्वालियर। महामारी से उदास देश को महिला हॉकी टीम ने एक उत्सव जैसी उमंग व उत्साह दे दिया। हाल ही में भारतीय पुरुष हॉकी टीम के सेमीफाइनल में पहुंचने और रविवार को पीवी सिंधु द्वारा कांस्य पदक जीतने से देश को जो खुशी मिली थी, इस जीत ने उसे दोगुना कर दिया। पूरा देश खुशी से झूम उठा। प्रधानमंत्री से लेकर संतरी तक ने अपनी-अपनी तरह से टीम को बधाई देकर उसका हौसला बढ़ाया।  दरअसल, लगातार तीन मैच हारने के बाद लोग भूल ही गए थे कि भ.......

जमीनी स्तर पर हो खेलों में काम

रातोंरात ओलम्पियन नहीं मिलते श्रीप्रकाश शुक्ला टोक्यो में हमारे खिलाड़ियों ने दिखाया कि उन्हें यदि जमीनी स्तर पर सुविधाएं मिलें तो वह भी दुनिया के खिलाड़ियों से मुकाबला करने में सक्षम हैं। देखा जाए तो हमारे देश में बड़ी प्रतियोगिताओं के समय ही खिलाड़ियों की बलैयां ली जाती हैं। टोक्यो ओलम्पिक में गांव व छोटे शहरों से आये खिलाड़ियों ने अविश्वसनीय प्रदर्शन करके देश का गौरव बढ़ाया है। बेहद मुश्किल हालातों और अभावों की तपिश से निखरी इन प्.......

13 साल का हुआ खेलपथ

प्रवेशांक हाथ आते ही सहनी पड़ी थी पितृ-विछोह की वेदना आप सब मेरी ताकत हैं, आप सब मेरा हौसला हैं। आप जैसे सुधि पाठकों के प्रोत्साहन से ही खेलपथ अपने प्रकाशन के 13 साल पूरा कर सका है। आपके स्नेह से मिला सम्बल हर पल-हर क्षण खेलों के लिए कुछ करने को अभिप्रेरित करता है। खेलों से जुड़ाव की जहां तक बात है, बचपन से पचपन तक किसी न किसी रूप में मैदानों से जुड़ा रहा हूं। रायबरेली जिले के कोड़रा गांव के ऊबड़-खाबड़.......

जीती रहो, जीतती रहो मीराबाई

मेरी एक जिज्ञासा है। उन्हें छोड़कर जो खेलों में विशेष दिलचस्पी रखते हैं, हम सब 'देशप्रेमीजन' मीराबाई चानू को पहले भी जानते थे क्या? हमें उसकी शख़्सियत, क्षमता और संघर्ष का अंदाज़ा था क्या? जी नहीं, मैं इस अजेय, अनुकरणीय उपलब्धि को कम कर के नहीं देख रही। इसके लिए वही उत्साह और वही सम्मान मेरे मन में है जो किसी भी भारतीय के मन में इस समय होगा बल्कि उससे कहीं ज़्यादा क्योंकि इस उपलब्धि को अपनी मुट्ठी में करने वाली एक लड़की है और लड़कियों की किसी भी उपलब्धि को मै.......